II आरती संग्रह II

श्री सूर्यदेव की आरती

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।।।ॐ जय सूर्य भगवान…।। सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।।।ॐ जय सूर्य भगवान…।। ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।फैलाते उजियारा, जागता तब जग ...

Read More »

GaneshJi Ki Aarti: गणेशजी की आरती

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय…एक दंत दयावंत चार भुजा धारी। माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी ॥अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया। बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय… हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा। लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा ॥ दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी। ...

Read More »

श्रीलक्ष्मी माता की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता, तुमको निस दिन सेवत, मैया जी को निस दिन सेवत हर विष्णु विधाता || ॐ जय || उमा रमा ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता ओ मैया तुम ही जग माता सूर्य चन्द्र माँ ध्यावत, नारद ऋषि गाता || ॐ जय || दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पति दाता ओ मैया सुख सम्पति दाता जो कोई तुम को ...

Read More »

शिवजी की आरती

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥ॐ जय शिव ओंकारा॥एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥ॐ जय शिव ओंकारा॥दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥ॐ जय शिव ओंकारा॥अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥ॐ जय शिव ओंकारा॥श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥ॐ जय शिव ओंकारा॥कर के मध्य कमण्डलु ...

Read More »

Shree Krishan Aarti आरती कुंजबिहारी की

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥ गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला। श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला। गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली। लतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चंद्र सी झलक ललित छवि श्यामा प्यारी की, श्री गिरिधर ...

Read More »

शनि आरती : जय जय श्री शनिदेव

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी। सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥ जय जय श्री शनि देव…. श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टि चतुर्भुजा धारी। नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥ जय जय श्री शनि देव…. क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी। मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥ जय जय श्री शनि देव…. मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी। लोहा तिल तेल ...

Read More »

हनुमान जी की आरती

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।। जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।। अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई। दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए। लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई। लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे। लक्ष्मण मूर्छित पड़े ...

Read More »

सन्तोषी माता की आरती

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता। अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता ।। जय सन्तोषी माता…. सुन्दर चीर सुनहरी मां धारण कीन्हो। हीरा पन्ना दमके तन श्रृंगार लीन्हो ।। जय सन्तोषी माता…. गेरू लाल छटा छबि बदन कमल सोहे। मंद हंसत करुणामयी त्रिभुवन जन मोहे ।। जय सन्तोषी माता…. स्वर्ण सिंहासन बैठी चंवर दुरे प्यारे। धूप, दीप, मधु, ...

Read More »

मां दुर्गा जी की आरती : जय अम्बे गौरी…

दुर्गा आरती जय अम्बे गौरी मैया जय मंगल मूर्ति । तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥टेक॥ मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को । उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥जय॥ कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै। रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥जय॥ केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी । सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥जय॥ कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे ...

Read More »

आरती मां ललिता (त्रिपुरसुन्दरी ) : जय मां ललिते

श्री मातेश्वरी जय त्रिपुरेश्वरी! राजेश्वरी जय नमो नम:!! करुणामयी सकल अघ हारिणी! अमृत वर्षिणी नमो नम:!! जय शरणं वरणं नमो नम: श्री मातेश्वरी जय त्रिपुरेश्वरी…! अशुभ विनाशिनी, सब सुखदायिनी! खलदल नाशिनी नमो नम:!! भंडासुर वध कारिणी जय मां! करुणा कलिते नमो नम:!! जय शरणं वरणं नमो नम: श्री मातेश्वरी जय त्रिपुरेश्वरी…! भव भय हारिणी कष्ट निवारिणी! शरण गति दो नमो ...

Read More »