नवरात्री में घट स्थापना संकल्प एवं पूजन विधि
संकल्प लिए दाहिने के अंजलि में पान सुपारि जल पुष्प अक्षत रूपया लेके संकल्प करें । संकल्प ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णु : अद्य ब्रह्मनो $ ह्नि द्वितीय परार्द्धे श्रीश्वेतवाराह कल्पे वैवस्वत मन्वन्तरे $ अष्टाविंशतीतमे कलयुगे कलिप्रथम् चरणे जम्बूद्विपे भारतवर्षे भरतखण्डे आर्याव्रतैक देशान्तरगते मध्ये अपने राज्य शहर का नाम गृह स्थित शर्वरी सम्वत्सरे दक्षिणायण सूर्ये शरद ऋतौ महामांगल्यप्रद मासोत्तमे मासे पुण्य पवित्रे मासे ...
Read More »शिवरात्री विशेष: महामृत्युंजय मंत्र अद्भुत शक्तियो का भंडार जानिए मंत्र व्याख्या, मंत्र साधना ओर मंत्र प्रयोग सम्पूर्ण विधि
मंत्र के 33 अक्षर हैं जो महर्षि वशिष्ठ के अनुसार 33 कोटि(प्रकार)देवताओंके द्योतक हैं उन तैंतीस देवताओं में 8 वसु 11 रुद्र और 12 आदित्यठ 1 प्रजापति तथा 1 षटकार हैं।इन तैंतीस कोटि देवताओं की सम्पूर्ण शक्तियाँ महामृत्युंजय मंत्र से निहित होती हैं ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात महामृत्युंजय मंत्र”मृत्यु को जीतने वाला महान मंत्र” जिसे त्रयंबकम ...
Read More »ज्योतिर्विद रविशराय गौड़ से जानिये, तर्पण कब, कैसे और क्यूँ करे ?
सरल तर्पण विधि , वैदिक वांग्मय में ऋषियों ने प्रतिदिन किया जाने वाला कर्म कहा जो मनुष्य को सर्व सुख के साथ अत्यंत ,आनंद की प्राप्ति कराता है। तर्पण कर्मकांड का वह अद्भुद कर्म जिसके करने से समस्त देव, ऋषि और पितरों को तृप्त करने या संतुष्ट करने की क्रिया हो जाती है कुछ बंधुओ को ऐसा लगता हैं यह ...
Read More »महाबली महादानी असुर राजा बलि के दस रहस्य
असुरों के राजा बलि या बाली की चर्चा पुराणों में बहुत होती है। वह अपार शक्तियों का स्वामी लेकिन धर्मात्मा था। दान-पुण्य करने में वह कभी पीछे नहीं रहता था। उसकी सबसे बड़ी खामी यह थी कि उसे अपनी शक्तियों पर घमंड था और वह खुद को ईश्वर के समकक्ष मानता था और वह देवताओं का घोर विरोधी था।भारतीय और ...
Read More »जानिये मलमास खरमास क्या है और क्यो इसमें शुभ कार्य वर्जित है ?
ऋषियों के चिंतन में सनातन वैदिक हिन्दू धर्म में हर माह का अपना एक अलग और विशेष महत्व है, इसमें शुभ-अशुभ जैसी बातों का भी विशेष ध्यान रखा जाता है किसी भी मांगलिक कार्य को करने के लिए शुभ मुहूर्त देखा जाता है, ताकि वह काम सफलतापूर्वक पूर्ण हो और उसका पूरा लाभ व्यक्ति को प्राप्त हो। पंचांग में शरद ...
Read More »जानिये कैसे हरिप्रबोधिनी एकादशी, देवोत्थान एकादशी तक भगवान शिव सम्भाल रहे थे सृष्टि को अब नारायण जागेंगे ओर होंगे मंगल कार्य प्रारंभ
देवउठनी एकादशी से सभी मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। माना जाता है कि इस दिन सभी देवता अपनी योग निद्रा से जग जाते हैं। प्रतिवर्ष ये एकादशी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आती है। इस एकादशी को हरिप्रबोधिनी एकादशी, देवोत्थान एकादशी और देव उठनी ग्यारस के नाम से भी जाना जाता है। वैष्णव व्रत रख भगवान ...
Read More »ज्योतिर्विद श्री रविशराय गौड़ से जानिये महाभारत और रामायण काल में भी मिलता है छठ पर्व का वर्णन
छठ पर्व ऋषियों द्वारा वर्णित पुराण , महाभारत और रामायण काल में भी मिलता है वर्णन छठ पर्व परम्परागत मनाया जाता रहा है । हिरण्यगर्भ देव , भगवान सूर्य को जगत की आत्मा कहा गया है, क्योंकि वे पृथ्वी पर जीवन का आधार हैं। उनके आलोक को अपनी चेतना में धारण करने से जीवन प्रकाशित हो उठता है। छठ व्रत ...
Read More »ज्योतिर्विद श्री रविशराय गौड़ से जानिये क्या है भाईदूज (भ्रातृ द्वितीया ) और कलम दवात पूजा की विधि
यमाय धर्मराजाय श्री चित्रगुप्ताय वै नमः भाईदूज (भ्रातृ द्वितीया ) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला सनातन हिन्दू धर्म का अति पावन पर्व है जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं। बहन भाई के अटूट प्रेम एवं श्रद्धा का पर्व भाई दूज पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है। भाई दूज ...
Read More »दीपावली से कलम दवात पूजा तक कायस्थ समाज कलम का प्रयोग क्यूँ नहीं करता है
परेवा काल शुरू हो चुका है और आज के दिन कायस्थ समाज कलम का प्रयोग नहीं करता है यानी किसी भी तरह का का हिसाब कितना नहीं करता है I कई लोगो के इस पर फ़ोन आये की आखिर ऐसा क्यूँ है की पश्चिमी उत्तरप्रदेश में कायस्थ दीपावली के पूजन के कलम रख देते है और फिर कलम दवात पूजन ...
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